गांधी जयंती 2019: महात्मा गांधी के इन 5 आंदोलनों ने दिलाई भारत को ब्रिटिश राज से आजादी
LX Sohan महात्मा गांधी को 'फादर ऑफ नेशन' कहा जाता है। 2 अक्टूबर 1869 में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था और वो पोरबंदर के दीवान थे। 1906 में ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ पहला सत्याग्रह अभियान चलाया। 1920 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और 26 जनवरी 1930 को ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी का ऐलान किया। इसके बाद 1917 में उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन जैसे कई आदोंलन चलाए। इन आंदोलनों की वजह से ही भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिली। यहां पढ़ें गांधी जी द्वारा चलाए गए ये आंदोलन:
चंपारण सत्याग्रह : बिहार के चंपारण महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह पहला सत्याग्रह था। 1917 में बिहार के चंपारण पहुंचकर खाद्यान के बजाय नील एवं अन्य नकदी फसलों की खेती के लिए बाध्य किए जाने वाले किसानों के समर्थन में सत्याग्रह किया।
असहयोग आंदोलन : रॉलेट सत्याग्रह की सफलता के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया। 1 अगस्त 1920 को शुरू हुए इस आंदोलन के तहत लोगों से अपील की कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ असहयोग जताने को स्कूल, कॉलेज, न्यायालय न जाएं और न ही कर चुकाएं।
नमक सत्याग्रह : इस आंदोलन को दांड़ी सत्याग्रह भी कहा जाता है। नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल
दलित आंदोलन : 1932 में गांधी जी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की और इसके बाद 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की। ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन करते हुए हरिजन आंदोलन में मदद के लिए 21 दिन का उपवास किया।
भारत छोड़ो आंदोलन : ब्रिटिश शासन के खिलाफ़यह गांधी जी का तीसरा बड़ा आंदोलन था। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सत्र में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया। हालांकि, इसके तुरंत बाद गिरफ्तार हुए पर युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फोड़ के जरिए आंदोलन चलाते रहे।
गांधी जयंती 2019: महात्मा गांधी के इन 5 आंदोलनों ने दिलाई भारत को ब्रिटिश राज से आजादी
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महात्मा गांधी को 'फादर ऑफ नेशन' कहा जाता है। 2 अक्टूबर 1869 में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था और वो पोरबंदर के दीवान थे। 1906 में ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ पहला सत्याग्रह अभियान चलाया। 1920 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और 26 जनवरी 1930 को ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी का ऐलान किया। इसके बाद 1917 में उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन जैसे कई आदोंलन चलाए। इन आंदोलनों की वजह से ही भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिली। यहां पढ़ें गांधी जी द्वारा चलाए गए ये आंदोलन:
चंपारण सत्याग्रह : बिहार के चंपारण महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह पहला सत्याग्रह था। 1917 में बिहार के चंपारण पहुंचकर खाद्यान के बजाय नील एवं अन्य नकदी फसलों की खेती के लिए बाध्य किए जाने वाले किसानों के समर्थन में सत्याग्रह किया।
असहयोग आंदोलन : रॉलेट सत्याग्रह की सफलता के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया। 1 अगस्त 1920 को शुरू हुए इस आंदोलन के तहत लोगों से अपील की कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ असहयोग जताने को स्कूल, कॉलेज, न्यायालय न जाएं और न ही कर चुकाएं।
नमक सत्याग्रह : इस आंदोलन को दांड़ी सत्याग्रह भी कहा जाता है। नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल
दलित आंदोलन : 1932 में गांधी जी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की और इसके बाद 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की। ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन करते हुए हरिजन आंदोलन में मदद के लिए 21 दिन का उपवास किया।
भारत छोड़ो आंदोलन : ब्रिटिश शासन के खिलाफ़यह गांधी जी का तीसरा बड़ा आंदोलन था। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सत्र में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया। हालांकि, इसके तुरंत बाद गिरफ्तार हुए पर युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फोड़ के जरिए आंदोलन चलाते रहे।
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9050520630
https://youtu.be/WdWEI13KbxA